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बाबुल का घर छोड़ कर पिया के घर आती है..

🙏😔औरत का सफर☺🙏 😔बाबुल का घर छोड़ कर पिया के घर आती है.. ☺एक लड़की जब शादी कर औरत बन जाती है.. 😔अपनों से नाता तोड़कर किसी गैर को अपनाती है.. ☺अपनी ख्वाहिशों को जलाकर किसी और के सपने सजाती है.. ☺सुबह सवेरे जागकर सबके लिए चाय बनाती है.. 😊नहा धोकर फिर सबके लिए नाश्ता बनाती है.. ☺पति को विदा कर बच्चों का टिफिन सजाती है.. 😔झाडू पोछा निपटा कर कपड़ों पर जुट जाती है.. 😔पता ही नही चलता कब सुबह से दोपहर हो जाती है.. ☺फिर से सबका खाना बनाने किचन में जुट जाती है.. ☺सास ससुर को खाना परोस स्कूल से बच्चों को लाती है.. 😊बच्चों संग हंसते हंसते खाना खाती और खिलाती है.. ☺फिर बच्चों को टयूशन छोड़,थैला थाम बाजार जाती है.. ☺घर के अनगिनत काम कुछ देर में निपटाकर आती है.. 😔पता ही नही चलता कब दोपहर से शाम हो जाती है.. 😔सास ससुर की चाय बनाकर फिर से चौके में जुट जाती है.. ☺खाना पीना निपटाकर फिर बर्तनों पर जुट जाती है.. 😔सबको सुलाकर सुबह उठने को फिर से वो सो जाती है.. 😏हैरान हूं दोस्तों ये देखकर सौलह घंटे ड्यूटी बजाती है.. 😳फिर भी एक पैसे की पगार नही पाती है.. 😳

पहले एक कमाता था *नौ* खाते थे,_ _इस लिये उसे *नौकरी* कहते थे

_पहले एक कमाता था नौ खाते थे,_ _इस लिये उसे नौकरी कहते थे.._ 😐 _फिर एक कमाता था चार खा लेते थे,_ _इसलिये उसे चाकरी कहते थे.._ ☹ _फिर जितना मिलता था वो तन के लिये ही पूरा था_ _इस लिये उसे तनखा कहते थे,_ _अब तन को भी पूरा नहीं पड़ता_ इसलिये उसे वे-तन कहते हैं..